CAA पर केरल के प्रस्ताव से बढ़ा टकराव- प्रेस रिव्यू

नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर केरल और केंद्र में टकराव बढ़ गया है. मंगलवार को केरल विधानसभा ने नागरिकता संशोधन क़ानून को हटाने की मांग संबंधी प्रस्ताव को पारित कर दिया है.

मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केरल विधानसभा समेत किसी विधानसभा को नागरिकता पर क़ानून या प्रस्ताव पारित करने का अधिकार नहीं है. रविशंकर प्रसाद के इस बयान को टाइम्स ऑफ इंडिया ने प्रमुखता से छापा है.

प्रसाद ने कहा कि ऐसी सारी शक्तियां केवल संसद के पास है. रविशंकर प्रसाद ने कहा, "यह क़ानून पूरे देश के लिए है. सीएए का भारतीय मुसलमानों से कोई संबंध नहीं है. इससे पहले प्रधानमंत्री के तौर पर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने यूगांडा और श्रीलंका के तमिलों को भारत की नागरिकता दी थी. अगर कांग्रेस ने पहले यही काम किया है तो अब वो क्यों विरोध कर रही है. यह कांग्रेस का दोहरा मानदंड है. सीएए का भारत के किसी भी नागरिक से कोई संबंध नहीं है. यह क़ानून पूरी तरह से संविधान सम्मत है."

कुछ राज्यों में जारी विरोध को दरकिनार करने के लिए सीएए के तहत नागरिकता देने की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की केंद्र की तैयारी है. केंद्र सरकार के कुछ अधिकारियों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ज़िला मैजिस्ट्रेट के ज़रिए नागरिकता के लिए आवेदन देने की मौजूदा प्रक्रिया को दरकिनार करने के विकल्प पर विचार कर रहा है.

मंत्रालय नागरिकता के लिए नए प्रशासन पर भी गौर कर रहा है. वहीं, गृह मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि सीएए के तहत नागरिकता देने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी जाए तो किसी राज्य का किसी भी स्तर पर इस प्रक्रिया में दखल नहीं रह जाएगा. संविधान की सातवीं अनुसूची में आने वाले 97 विषयों में रक्षा, विदेश मामले, रेलवे, नागरिकता आते हैं.

140 सदस्यीय केरल विधानसभा में सत्तारूढ़ सीपीएम-एलडीएफ और विरोधी दल कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के समर्थन से सीएए के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित हुआ है. बीजेपी के इकलौते विधायक ओ. राजगोपाल ने इसका विरोध किया. सीएए पर चर्चा के लिए एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि केरल में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनेगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले पांच सालों के भीतर देश में 102 लाख करोड़ रुपये की परियोजना को लागू करने का खाका पेश किया है. इस ख़बर को बिज़नेस अख़बार लाइव मिंट ने पहले पन्ने पर छापा है. इसमें 24 फ़ीसदी हिस्सेदारी अकेले बिजली क्षेत्र की परियोजनाओं की होगी.

यह खाका नेशनल इन्फ़्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआइपी) के तहत पेश किया गया है, जिसे पीएम की तरफ़ से गठित टास्क फोर्स ने बनाया है. टास्क फोर्स के सुझाव के मुताबिक़ 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दर्जनों ढांचागत परियोजनाओं को तेज़ किया जाएगा.

अगले पांच सालों में आम बजट से ढांचागत परियोजनाओं के लिए आवंटन में वृद्धि की जाएगी. प्रधानमंत्री ने पिछले साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में 100 लाख करोड़ रुपये की ढांचागत परियोजनाएं शुरू करने की बात कही थी. इस पर सुझाव देने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया था.

टास्क फोर्स ने केंद्रीय मंत्रालयों, सरकारी उपक्रमों, राज्य सरकारों समेत निजी क्षेत्र और वित्तीय संस्थानों से विमर्श करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है. इसमें केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ़ से चलाई जाने वाली 39 फ़ीसदी परियोजनाओं समेत निजी सेक्टर से शेष 22 फ़ीसदी परियोजनाओं को शामिल किया गया है.

रिपोर्ट ने 2025 तक निजी सेक्टर की परियोजनाओं का हिस्सा बढ़ाकर 30 फ़ीसदी करने की बात कही है. इनमें से 42 लाख करोड़ की परियोजनाओं पर काम जारी है जबकि 32 लाख करोड़ की परियोजनाओं का खाका तैयार है.

रेलवे ने यात्री किराए में चार पैसे प्रति किलोमीटर तक की बढ़ोतरी की है. दैनिक जागरण ने इस ख़बर को तीसरे पन्ने पर छापा है. नया किराया एक जनवरी, 2020 से प्रभावी होगा, लेकिन पहले से बुक कराए गए टिकट पर इसका असर नहीं पड़ेगा. उपनगरीय ट्रेन के किराए को भी इस बढ़ोतरी से बाहर रखा गया है.

मंगलवार को जारी आदेश के मुताबिक़ साधारण दर्जे के नॉन-एसी ट्रेन के किराए में एक पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है. मेल और एक्सप्रेस नॉन-एसी ट्रेन के लिए यह वृद्धि दो पैसे और एसी ट्रेन के किराए में चार पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई है. बढ़ा हुआ किराया शताब्दी, राजधानी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों पर भी लागू होगा.

दिल्ली से कोलकाता की दूरी 1447 किलोमीटर है, अगर आप एसी क्लास में दिल्ली से कोलकाता जाते हैं तो आपको चार पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से लगभग 58 रुपये ज़्यादा किराया देना पड़ेगा. आदेश के मुताबिक़ रिजर्वेशन और सुपरफास्ट चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

कैटरिंग चार्ज में भी किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. रेलवे ने पिछली बार 2014-15 में यात्री किराए में 14.2 फ़ीसदी और माल ढुलाई भाड़े में 6.5 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की थी. रेलवे का कहना है कि यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए किराए में बढ़ोतरी की गई है.

नए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने कहा है कि अगर पाकिस्तान ने सीमा पार आतंकवाद को बंद नहीं किया तो भारत के पास आतंकी स्रोतों पर अपनी तरफ़ से हमले का अधिकार होगा. मंगलवार को नरवाने ने देश के 28वें सेना प्रमुख का पदभार संभाल लिया. इस ख़बर को हिन्दुस्तान टाइम्स ने प्रमुखता से छापा है.

जनरल नरवाने ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद रोकने के लिए ठोस प्रक्रिया विकसित की गई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना के छद्म युद्ध को आतंकियों के सफाए और आतंकी नेटवर्क ख़त्म किए जाने के कारण झटका लगा है.

3,500 किलोमीटर लंबी चीनी सीमा पर चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर नरवाने ने कहा कि प्राथमिकता को फिर से संतुलित करने के तहत पश्चिमी सीमा से उत्तरी सीमा पर ध्यान केंद्रित किया है.

उप सेना प्रमुख पद पर रहे जनरल नरवाने ने जनरल बिपिन रावत का स्थान लिया है.

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