राफेल सौदे की जांच नहीं, जियो से डील को सोमवार तक एनओसी

रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी (59) को शुक्रवार को दो बड़े मामलों में राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील की जांच की मांग वाली याचिकाएं खारिज कर दीं। इस मामले में विपक्ष ने आरोप लगाया था कि सरकार ने डील में पक्षपात कर अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को ऑफसेट पार्टनर बनवाया।

दूसरी तरफ रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और जियो की डील को लेकर दूरसंचार विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह सोमवार तक एनओसी जारी कर देगा। आरकॉम 18,000 करोड़ रुपए में अपने असेट्स मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो को बेच रहा है।

आरकॉम ने दूरसंचार विभाग के खिलाफ याचिका दायर की थी
आरकॉम-जियो डील को लेकर पिछले आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरकॉम 2 दिसंबर तक 1,400 करोड़ रुपए की कॉरपोरेट गारंटी दे और दूरसंचार विभाग 9 दिसंबर तक एनओसी जारी करे।

आरकॉम ने गारंटी जमा करवा दी लेकिन, तय समय तक दूरसंचार विभाग ने एनओसी जारी नहीं की तो आरकॉम ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी।

दूरसंचार विभाग के खिलाफ आरकॉम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। दूरसंचार विभाग ने अदालत में कहा कि वह ड्यू डिलिजेंस की प्रक्रिया पूरी कर रहा था, इसलिए एनओसी में देरी हुई। सोमवार सुबह तक जारी कर दी जाएगी।

दूरसंचार विभाग से एनओसी मिलने के बाद आरकॉम-जियो की डील पूरी हो पाएगी। इससे आरकॉम, स्वीडन की टेलीकॉम उपकरण निर्माता कंपनी एरिक्सन के बकाया 550 करोड़ रुपए भी चुका पाएगी।

डील की मंजूरी अटकने की वजह से इस बात का खतरा बना हुआ था कि आरकॉम, एरिक्सन को भुगतान नहीं कर पाएगी। इस वजह से एरिक्सन उसके खिलाफ फिर से दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर सकती है।

एरिक्सन ने साल 2014 में आरकॉम का टेलीकॉम नेटवर्क संभालने के लिए 7 साल की डील की थी। इस बीच एरिक्सन ने दावा किया कि आरकॉम ने उसके बकाया 1,500 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया। एरिक्सन ने आरकॉम के खिलाफ एनसीएलटी में याचिका दायर की थी।

दोनों कंपनियों के बीच हुए सेटलमेंट के तहत एनसीएलटी ने 30 मई को अंतरिम आदेश जारी किए कि आरकॉम 4 महीने में 550 करोड़ रुपए का भुगतान करे।

आरकॉम पर 46,000 करोड़ रुपए का कर्ज
आरकॉम टेलीकॉम बिजनेस से पूरी तरह बाहर हो चुकी है। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने साल 2002 में महज 500 रुपए में मोबाइल फोन लॉन्च किया था। साल 2010 तक टेलीकॉम इंडस्ट्री में आरकॉम का मार्केट शेयर 17% फीसदी था और वह दूसरी बड़ी कंपनी थी। लेकिन, कर्ज बढ़ने और टेलीकॉम इंडस्ट्री में सस्ते टैरिफ की होड़ बढ़ने से आरकॉम पिछड़ती गई। आरकॉम पर 46,000 करोड़ रुपए का कर्ज है।

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